बोधि वृक्ष(कविता)

             
अटल खड़ा अमरत्व का पान किए
पीपल का वृक्ष नहीं तू कोई साधारण
तू साक्षी है स्वर्णिम भारत के इतिहास का
तू साक्षी है जीवन की तकलीफों से निराश
एक साधारण से पुरुष को देवत्व प्राप्ति का
बुद्ध को बुद्धत्व प्राप्त करने का
तू साक्षी है प्रकृति के उस गूढ़ रहस्य का
प्रकृति और पुरुष के मिलन का
जिससे ज्ञान की वह धारा निकली
जो पूरे संसार को आलोकित कर गया
तू साक्षी है प्रकृति और मानव के आत्मीय संबंध का
एक तपस्वी की तपस्या
तेरे ही छांव में फलीभूत होने का
आज भी तेरे शरणागत को
परम शांति की अनुभूति होती है
प्रकृति हमें  शिक्षा देती है
वृक्ष और मानव एक दूसरे के सहगामी है !

                        - © सचिन कुमार

नोट: बोधि वृक्ष बिहार के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर के परिसर में है,इसी वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई l

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