जिंदगी
जिंदगी में मिला हर कदम पर ठोकर
राह में पड़े पत्थरों की तरह
चला मैं दुनिया करने को रौशन
जलना पड़ा मुझे दीपक की तरह
काटें में रह कर मुस्कुराता रहा मैं
बागों में खिले फूलों की तरह
झूठों की बस्ती में सच्चाई पर अडिग रहा मैं
तूफानों के बीच खड़े पहाड़ों की तरह
बिखरी हुई मेरी इस जिंदगी को
कोई तो उठाले मुझे मोतीयों की तरह !
-©Sachin Kumar
picture credit : self
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